Saturday 27 April 2013

नारायण महालक्ष्मी साधना



नारायण महालक्ष्मी साधना 





महालक्ष्मी साधना से क्या लाभ है ये तो सभी जानते है,परन्तु साधना करने के बाद भी वे कुछ समय जीवन में आती है और फिर चली जाती जाती है।क्युकी जब हम अकेले महालक्ष्मी की साधना करते है तो वे अपने वाहन उल्लू पर आती है और कुछ दिन रूककर हमें उल्लू बनाकर चली जाती है।पर जब महालक्ष्मी की साधना भगवन नारायण के साथ की जाती है,तो महालक्ष्मी प्रभु के साथ गरुड़ पर बैठ कर आती है।और प्रभु अपने भक्तो का घर कभी छोड़कर नहीं जाते है अतः जहा नारायण होते है वह महालक्ष्मी को स्थिर होना ही पड़ता है।प्रस्तुत साधना इसी विषय पर है ताकि महालक्ष्मी आपके जीवन में नारायण के साथ आये और स्थिर हो जाये।आप इस साधना को कर महालक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त करे।

साधना विधि: साधना किसी भी शुक्रवार रात्रि 11 बजे से शुरू कर,आपके आसन वस्त्र पीले हो,तथा मुख उत्तर या पूर्व की और हो।सामने बजोट पर पिला वस्त्र बिछाकर उस पर लक्ष्मी नारायण की कोई प्रतिमा या चित्र स्थापित करे,अगर चित्र स्थापित कर रहे है तो गरुड़ पर बैठे लक्ष्मी नारायण का चित्र स्थापित करे,ये न मिले तो कोई भी कर सकते है।सामान्य पूजन करे केसर मिश्रित खीर का भोग लगाये,संकल्प ले की महालक्ष्मी तथा नारायण मेरे जीवन में पधारे इसलिये में ये साधना कर रहा हु सदगुरुदेव तथा नारायण मुझे सफलता प्रदान करे।दीपक घी या तील के तेल का हो,एक नारियल बजोट पर ही चावल की ढेरी पर स्थापित करे।अब तुलसी माला या स्फटिक माला से निम्न मंत्र की 21 माला करे।ये क्रम 7 दिन तक जारी रहे सातवे दिन जप के बाद पञ्च मेवे को घी में मिलाकर कम से कम 108 आहुति दे या इससे ज्यादा भी दी जा सकती है।प्रसाद नित्य ग्रहण कर लिया करे।साधना समाप्ति के बाद वो नारियल और चावल उसी पीले कपडे में लपेट कर किसी लक्ष्मी नारायण मंदिर में कुछ दक्षिणा के साथ अर्पण कर दे।

मंत्र: ॐ श्रीं श्रीं नारायणाय महालक्ष्मी सह मम गृहे आगच्छ आगच्छ श्रीं श्रीं नमः।

आपकी साधना सफल हो,नमो नारायण नमो लक्ष्मी

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