Saturday 27 April 2013




महाकाली आकर्षण रुद्राक्ष निर्माण 



 


जीवन में आकर्षण का क्या महत्व है ये तो सभी जानते है।आकर्षण न हो तो जीवन नीरस हो जाता है।आकर्षण ही तो है जिसके कारन हम संबंधो में मजबूती ल सकते है।और एक साधक में तो आकर्षण अति आवश्यक है,क्युकी अन्य इतर योनियाँ अप्सरा,यक्षिणी आदि आकर्षण के कारन ही तो साधक के पास खिची चली आती है।पर इसके बिना हम कितने ही जाप कर ले उनके आकर्षित करना कठिन ही है।प्रस्तुत साधना में आप आकर्षण रुद्राक्ष का निर्माण करे।ताकि संसार आपकी और आकर्षित हो सके।

यह साधना किसी भी रविवार की रात्रि 10 के बाद करे।आसन वस्त्र लाल हो,तथा मुख आपका उत्तर की और हो।सामने बजोट पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर महाकाली का यन्त्र या कोई चित्र स्थापित कर दे अगर पपारद काली हो तो और उत्तम है।अब सद्गुरु पूजन कर सफलता की प्रार्थना करे।गणपति पूजन करे।अब महाकाली का सामान्य पूजन करे। भोग में कोई भी मिठाई चड़ाए,तील के तेल का दीपक हो।अब एक कागज़ या भोज पत्र पर कुमकुम से "क्रीं " लिखे।और 3 पंचमुखी रुद्राक्ष लाल धागे में पिरो ले।और उस कागज़ को विग्रह के सामने रखकर उस पर ये रुद्राक्ष रख दे।अब इनका सामान्य पूजन करे।इसके बाद कुमकुम मिश्रित चावल ले और मूल मंत्र का पाठ करते हुए उन्हें रुद्राक्ष पर अर्पण करते जाये।ये क्रम एक घंटे तक करे।इसमें माला आदि की आवश्यकता नहीं है।नित्य इसी प्रकार करे यह साधना 7दिन तक होगी।आखिरी दिन मूल मंत्र से 108 आहुति घी के द्वारा प्रदान करे तथा अंत में एक अनार को मंत्र पड़ते हुए जोर से ज़मीन पर पटके जिससे की वो एक झटके में फुट जाये और उसका रस दोनों हाथो से निचोड़कर हवन कुंड में ही डाल दे।तथा अनार भी डाल दे।साधना समाप्ति पर समस्त सामग्री अक्षत।कपडा आदि जल प्रवाह कर दे।भोग नित्य स्वयं खा लिया करे।कुछ आवाज़ आदि आये तो विचलित न हो।

मंत्र: ॐ क्रीं क्रीं क्रीं महाकाली सर्वाकर्षिणी क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा 

OM KREENG KREENG KREENG MAHAKALI SARVAKARSHINI KREENG KREENG KREENG SWAHA

अगले दिन साधक रुद्राक्ष को धारण कर ले,विशेष रूप से यक्षिणी तथा अप्सरा साधना में इसे अवश्य धारण करे।ये दिव्या कवच उनका आकर्षण करेगा।माँ सबका कल्याण करे।

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