Tuesday 23 July 2013

शत्रु बाधा निवारक बगलामुखी प्रयोग



वर्तमान समय में हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई शत्रु है.जिसके कारण जीवन में परेशानी बढती ही जाती है.और कभी कभी तो ये शत्रु हम पर इतने हावी हो जाते है की जीवन में म्रत्यु तुल्य कष्ट होने लगता है.प्रस्तुत प्रयोग इसी विषय पर है जिसके करने मात्र से आपको निम्न समस्याओ से स्वतः मुक्ति मिल जाएगी।
१. कोई न्यायालय में आपके खिलाफ मुकदमा चल रहा हो तो .
२. कोई शत्रु लगातार षड़यंत्र रच रहा हो तो.
३ . घर तथा परिवार का कोई अनिष्ट करना चाह रहा हो तो.
४. कार्य क्षेत्र में अधिकारी या सह कर्मी कोई कष्ट दे रहे हो तो.
५. निरंतर जीवन में बाधाए आ रही हो तो.
६ . आप पर या परिवार पर कोई तंत्र प्रयोग किया गया हो तो.
उपरोक्त सभी समस्याओ से मुक्ति दिलाता है ये,बगलामुखी प्रयोग।
आप ये प्रयोग किसी भी रविवार की रात्रि ११ बजे के बाद करे.आपके आसन वस्त्र पीले होंगे।तथा दिशा होगी दक्षिण।अपने सामने बाजोट पर पिला वस्त्र बिछा दे,और उस पर एक पिली सरसों की ढेरी बना दे.अब एक सुपारी लीजिये और उसे हल्दी से
रंजित कर दीजिये और उस पर कच्चे सूत का धागा लपेटे जो की पहले से ही हल्दी से रंग लिया गया हो.सुपरि को पूरा लपेट देना है धागे से, अब उस सुपारी को,सरसों की ढेरी पर स्थापित करे.तथा सुपारी का सामान्य पूजन करे.भोग में कोई पिली मिठाई अर्पण करे.सरसों के तेल का दीपक लगाये जो की मिटटी का हो,और उसकी बत्ती भी हल्दी से रंगी हुई हो.अब संकल्प ले की किस कार्य के लिये आप ये प्रयोग कर रहे है. इसके बाद निम्न मंत्र को पड़ते हुए एक एक चुटकी हल्दी सुपारी पर अर्पण करे,ऐसा आपको ३६ बार करना है.

                              ह्लीं बगलामुखी ह्लीं फट
             HLEEM BAGLAMUKHI HLEEM PHAT

इसके बाद सुपारी की और देखते हुए स्थिर भाव से, निम्न मंत्र का बिना किसी माला के एक घंटे तक जाप करे.

                        हूं हूं ह्लीं ह्लीं हूं हूं फट

 HOOM HOOM HLEEM HLEEM HOOM HOOM PHAT


इसमें जप वाचिक होंगे।जब जाप पूर्ण हो जाये तब पुनः माँ से प्रार्थना करे.अगले दिन सरसों ,सुपारी,दीपक भोग भी उसी पीले वस्त्र में बांध कर,किसी निर्जन स्थान पर रख आये,और एक दीपक वहा जलाकर रख आये.य़े दीपक भी मिटटी का होगा और,तेल सरसों का होगा। हो सके तो समस्त सामग्री को जमीन में गाड देना चाहिए।और दीपक गाडी हुयी जगह के ऊपर जलाकर आना चाहिए।अन्यथा रख कर भी आ सकते है.प्रयोग के पहले गुरु गणपति पूजन अवश्य करे.माँ आपकी समस्त समस्याओका अंत करे.
                              !!जय माँ!!

Sunday 7 July 2013

सिद्धकाली इतरयोनि वशीकरण प्रयोग

सिद्धकाली इतरयोनि वशीकरण प्रयोग



हम कई बार इतर योनि साधना करते है।कई बार सफल तो कई बार असफल होते है।उसके कई कारण हो सकते है। जैसे उर्जा की कमी ,एकाग्रता की कमी,किन्तु उसका एक कारण ये भी है की हमारे अन्दर आकर्षण नहीं है।किसी को अपने वशीभूत करने की क्षमता का विकास हुआ ही नहीं।प्रस्तुत साधना प्रयोग इसी विषय पर है।देखने में भले ही यह अत्यंत छोटा प्रयोग लगता हो।किन्तु अपने अन्दर ये कई प्रकार की शक्तियां लिये हुए है।प्रस्तुत प्रयोग माँ सिद्धकाली से सम्बंधित है जो की सिद्धियों की दात्री है।
इस प्रयोग को यदि किसी भी इतर योनि साधना के पहले कर लिया जाये तो,सफलता के अवसर बड जाते है।क्युकी इस प्रयोग के माध्यम से आपके अन्दर उस इतर योनि को वशीभूत करने की क्षमता उतपन्न हो जाती है।यह प्रयोग मात्र एक दिवसीय है।
इसे आप किसी भी अमावस्या,रविवार,कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कर सकते है,या आप जिस इतरयोनि की साधना करने जा रहे है,उस साधना के आरम्भ करने के ठीक एक दिन पहले भी इस प्रयोग को किया जा सकता है।
समय रात्रि ११ बजे के बाद का हो।आसन वस्त्र लाल। उत्तर दिशा की और मुख कर बैठ जाये।सामने बजोट पर लाल वस्त्र बिछा दे।अब नारियल का सुखा गोला ले,जो की पूरा हो।अब इसे ऊपर से थोडा सा काट ले और इसके अन्दर एक मावे का पेड़ा,थोडा सा गुड और थोड़े से काले तील भर दे।इसके बाद पुनः कटे हुए हिस्से को गिले आटे की सहायता से बंद कर दे।इसके बाद तील के तेल में सिंदूर मिलाकर,गोले पर बीज मंत्र " क्रीं " का अंकन करे।और उसे बजोट पर स्थापित कर दे।इस प्रयोग में माँ के चित्र या विग्रह आदि की आवश्यकता नहीं है।आपको इसी गोले को माँ सिद्धकाली मानकर पूजना है।सामान्य पूजन करे,कुमकुम ,हल्दी,सिंदूर,अक्षत तथा लाल पुष्पों से पूजन करे।तील के तेल का दीपक जलाये।तथा भोग में गुड अर्पण करे।समस्त सामग्री अर्पण करते समय सतत निम्न मंत्र का जाप करते रहे।

क्रीं क्रीं सिद्ध कालिके क्रीं क्रीं फट 
kreeng kreeng siddh kalike kreeng kreeng phat

इसके बाद आप किस इतरयोनि की साधना में सफलता के लिये यह प्रयोग कर रहे है इसका संकल्प ले।माँ सिद्ध कलि से प्रार्थना करे।इसके बाद मूंगा माला,रुद्राक्ष माला या काले हकिक की माला से निम्न मंत्र का २१ माला जाप करे।
ॐ क्रीं क्रीं सिद्धि दात्री सिद्धकाली अमुकं इतरयोनि वश्यं कुरु कुरु क्रीं क्रीं फट 
om kreeng kreeng siddhi datri siddhkaali amukam itaryoni vashyam kuru kuru kreeng kreeng phat
अमुकं की जगह उस इतर योनि का नाम ले जिसकी आप साधना करने वाले है।जाप के बाद घी में काले तील मिलाकर १०८ आहुति प्रदान करे,इस प्रकार यह एक दिवसीय प्रयोग संपन्न होता है।साधना के बाद या अगले दिन।नारियल के गोले को उसी लाल वस्त्र में लपेट कर ले जाये।और किसी पीपल के पेड़ के निचे गाड़ दे।और एक तेल का दीपक प्रज्वलित कर माँ सिद्ध कलि से प्रार्थना कर लौट आये।पीछे मुड़कर न देखे।अगर ये संभव न हो तो आप ये क्रिया किसी अन्य निर्जन स्थान में भी करके आ सकते है।तो विलम्ब कैसा अब समय आ गया है की माँ की कृपा प्राप्त की जाये,क्युकी अभी नहीं तो कभी नहीं।
माँ सबका कल्याण करे
जय माँ!!!