शिव तत्त्व जागरण पीताम्बरा साधना
(सहस्त्रार में शिव तत्त्व को जागृत करने का सरल विधान)
एक साधक के लिए साधना में सफलता के लिए आतंरिक और देहिक शुद्धी अति आवश्यक होती है.भगवती पीताम्बरा साधक को शुद कर शिव तत्त्व जागृत कर देने में सक्षम है.ये शिव तत्त्व जब साधक के सहस्त्रार में जागृत हो जाता है तो वो शुद्ध हो जाता है विचारो से,मन से,देह से और निरंतर प्रगति करता है साधना मार्ग में.और जिसके सहस्त्रार में शिव तत्त्व जागृत हो जाये क्या कोई रोक पायेगा उसे उन्नति करने से ? नहीं कदापि नहीं.और इस साधना की विशेषता ही यही है की स्वयं माँ बगलामुखी आपके अन्दर इस परम तत्त्व को जागृत तथा स्थापित करती है.इस साधना की विशेषता समझाने से शायद इतनी समझ ना आये और शायद में समझा भी ना पाऊ.अतः आप स्वयं इसे करे और अनुभव करे.साधना सामग्री: बगलामुखी यन्त्र,हल्दी अथवा पिली हकिक माला,
विधि-
किसी भी गुरुवार से साधना आरम्भ करे समय रात १० बजे से.आपका मुख उत्तर की तरफ हो.सामने एक बजोट पर पिला कपडा बिछाये और हल्दी से रंगे हुए चावल की एक ढेरी बनाये.उस पर यन्त्र को स्नान कराकर स्थापित करे.घी का दिया लगाये और सामान्य पूजन करे यन्त्र का.पिली मिठाई का भोग अर्पण करे.और संकल्प ले की में ये साधना अपने सहस्त्रार में शिव तत्त्व के जागरण हेतु कर रहा हु.अब निम्न मंत्र की २१ माला करे.जाप करते वक़्त आप अपना ध्यान सहस्त्रार पर लगाये और विश्वास रखे की शिव तत्त्व जागृत हो रहा है.साधना २१ दिन लगातार करे प्रसाद स्वयं ही ग्रहण करे.आखरी दिन कुछ आहुति अवश्य दे सामर्थ्य अनुसार.तो देर कैसी जल्द ही श्री गणेश करे साधना का.
मंत्र:
||ॐ ह्लीं शिव तत्त्व व्यापिनी बगलामुखी स्वाहा||
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ReplyDeleteShatayu bhai.
ReplyDeletePlease suggest remedy to cure effect of maran tantra prayog.