अमल ऐ गनी( गरीब को भी बादशाह कर देने वाला अमल)
मनुष्य जीवन सुख और दुःख से घिरा हुआ है कभी सुख मिलते है तो कभी दुःख.परन्तु सबसे बड़ा दुःख है आर्थिक तंगी,जिसके कारन हजार दुःख स्वतः ही आ जाते है.और दुखो को बड़ा देते है.इसी गरीबी को समाप्त कर देती है ये इस्लामिक साधना.इसके करने वाले के कई मार्ग स्वतः खुल जाते है.बस जरुरत है तो थोड़े धैर्य की और विश्वास की.
सामग्री:
सफ़ेद हकिक माला,और बादाम और शक्कर
विधि:
साधना किसी भी शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार या शुक्रवार से आरम्भ करे.सफ़ेद कपडे पहने.आपका मुह पश्चिम की और हो तथा सर को किसी सफ़ेद कपडे से ढक ले.फिर जैसा सुविधा जनक लगे बैठ जाये किसी आसन पर.या आप दरी पर भी बैठ सकते है.अब अपने सामने एक प्लेट में ५ बादाम और थोड़ी सी शक्कर रख ले.और लोबान की अगरबत्ती जला दे.अपने कपड़ो पर थोडा इतर लगाये और सफ़ेद हकिक माला से एक माला दुरुद की करे.और इसके बाद ५ माला अमल की करे फिर एक माला दुरुद की करे.यही क्रम आपको रोज़ रखना है.साधना आप रात ८ के बाद कभी भी कर सकते है.साधना ४० दिन करनी होगी.रोज़ साधना के बाद बादाम शक्कर खुद ही खाना है किसी अन्य को न दे.
दुरुद:
सल्ललाहो अलेका या मुहम्मदुन नुरुम मं नुरिल्लाही.
अमल- (इसकी ५ माला करे):-
या गन्नीयु मलिकुल मुल्की.
माँ सबका कल्याण करे.
Satte ka number aane or milane ka mantar ya lokit ya amal chahiye sir
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