सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरुपिणि।
विद्यारंभं करिष्यमी सिद्धिर्भवतु में सदा।।
माता सरस्वती कि कृपा के बिना मनुष्य ही नहीं अपितु
हर जीव अधूरा ही है.क्युकी यही वो आदिशक्ति है जो सब को विचार करने कि शक्ति प्रदान करती है.स्मरण कि शक्ति प्रदान करती है.जिज्ञासा के भाव भी सरस्वती कि ही कृपा से जाग्रत होते है.अधिक लिखने कि आवश्यकता ही नहीं है,क्युकी माता सरस्वती का जीवन में क्या महत्व है ये सभी जानते है.मित्रो माँ सरस्वती कि साधना का सबसे उत्तम दिवस बसंत पंचमी निकट ही है.और ऐसे श्रेष्ठ समय का आप सभी लाभ उठाना चाहते होंगे।अतः आप सभी के लिए आज ब्लॉग पर शाबर सरस्वती प्रयोग दिया जा रहा है.इस प्रयोग के माध्यम से साधक माँ सरस्वती कि कृपा का पात्र बन सकता है.मलिन होती बुद्धि को निर्मल किया जा सकता है.जिन साधको कि स्मरण शक्ति दुर्बल होती जा रही है,उन्हें इस प्रयोग के माध्यम से बल मिलता है.तथा साधक ज्ञान मार्ग में प्रगति प्राप्त करता है.अब अधिक लिखने से कोई लाभ नहीं है क्युकी माँ कि कृपा से सभी परिचित है.ये प्रयोग आप बसंत पंचमी के दिन प्रातः ४ से ११ के मध्य कर सकते है या संध्या ७ से ९ के मध्य भी किया जा सकता है.आप इस साधना में श्वेत वस्त्र धारण कर श्वेत आसन पर पूर्व कि और मुख कर बैठे।अपने सामने बाजोट रखकर उसपर श्वेत वस्त्र बिछा दे.तथा अक्षत से वस्त्र पर एक स्वस्तिक बनाये।और उस स्वस्तिक के मध्य एक पानी वाला नारियल रखे.नारियल पर सिंदूर से बीज मंत्र " ऐं " लिखकर ही स्थापित करे.अब स्वस्तिक के चारो कोने पर एक एक दीपक रखकर प्रज्वलित करे.दीपक मिटटी के होने चाहिए और तील का तेल दीपक में डाले।अब नारियल का सामान्य पूजन करे सरस्वती माता का प्रतिक मानकर।भोग में खीर अर्पित करे.जिसे बाद में पुरे परिवार को दिया जा सकता है.स्मरण रखे आप जो पंचोपचार पूजन करेंगे उसमे एक घी का दीपक अलग से प्रज्वलित करना है.और पांचो दीपक साधना पूर्ण होने तक जलना चाहिए।इसके बाद आप सरस्वती शाबर मंत्र का बिना माला जाप करे और थोड़े थोड़े अक्षत नारियल पर अर्पित करते जाये।ये क्रिया आपको कम से कम एक घंटे तक करनी होगी इससे अधिक साधक कि इच्छा पर निर्भर करता है.जब ये क्रिया पूर्ण हो जाये तो माँ से पुनः आशीर्वाद देने कि प्रार्थना करे.यदि आपने साधना सुबह कि है तो शाम को सारी सामग्री अक्षत,वस्त्र मिटटी के दीपक आदि किसी मंदिर में रख दे या किसी वृक्ष के निचे रख आये.यदि आपने साधना शाम को कि है तो ये क्रिया अगले दिन करे.इस प्रकार ये लघु परन्तु दिव्य प्रयोग संपन्न होता है.तथा माँ कि कृपा से साधक कि मेधा शक्ति का विकास होता है.
सरस्वती मंत्र
ॐ नमो सारसूति मायी,मेधा बड़े करो सवाई,अमृत बरसे बुद्धि का,बाजे डंका सुद्धि का,आदेश आदेश आदेश शिव गोरख जोगी को आदेश
मंत्र जैसा लिखा गया है वैसा ही जप करे,विधि या मंत्र में अपनी इच्छा से कोई परिवर्तन न करे.आप सभी साधना में सफलता प्राप्त करे इसी कामना के साथ.
जय अम्बे
अन्य जानकारी के लिए मेल करे
pitambara366@gmail.com
oooooooooooooooooooooooooooooooooooooooo
मंत्र जैसा लिखा गया है वैसा ही जप करे,विधि या मंत्र में अपनी इच्छा से कोई परिवर्तन न करे.आप सभी साधना में सफलता प्राप्त करे इसी कामना के साथ.
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Jai maa saraswati guru ji pranaam
ReplyDeleteMain saraswati Mata ka mantr jaap karna chahta hu kripya marg darshan kare
pranaam guru ji koi aisa mantra btayein jis se awaaz surili ho jaye
ReplyDeleterecite om word daily early in morning itll vibrate ur body and ur vocal cord become effective.
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