गौसे आज़म का नाम सभी ने सुना होगा,इन्हे वलियों का सरदार कहा जाता है.मतलब सभी वलियों में सबसे आला मुकाम आपको हासिल है ।इनका अमल मुस्लिम तंत्र से किया जाता है,लेकिन वो अमल बहुत कि मुश्किलात से भरा होता है,जो कि आम इंसान के बस से बाहर हो जाता है.क्युकी इस्लामिक तरीके से किये जा रहे अमल में आपको नमाज़ और कई शरई बातो का पाबंद होना पड़ता है.इसलिए कई मुश्किलात सामने पेश आती ही है.लेकिन फकीरो ने इस मुआमले में,साबर मंत्रो को भी इजात किया है,जो कि अपने आप में पूरी शिफा और तासीर से भरे हुए है.आज हम उसी मौज़ू पर गुफ्तगु कर रहे है.
काफी दिनों से आप लोगो कि ख्वाहिश रही है कि हज़रत गौसे आज़म का अमल दिया जाये।जो कि आज दिया जा रहा है.और आगे भी कई ऐसे अमल पेश किये जायेंगे।लेकिन अमल देने के पहले एक बात आपसे साफ करना चाहूंगा।अगर आप सोचते है कि,गौसे आज़म का अमल करके आप जिन्नो पर हुकूमत करने लगेंगे,उनसे माल और सामान मंगवा लेंगे।तो जनाब आप गलत सोच रखते है. क्युकी कोई भी वली आपके नेक कामो में ही आपका साथ देंगे,ऐसे किसी काम में वो आपका साथ नहीं देंगे उनके दिल को नागवार गुज़रे।फिर भी वो आपके हर नेक काम में आपका साथ देंगे,जब तक आप नेकी पर है तब तक वो आपके साथ है.आईये अब आपको अमल का तरीका बताते है.
किसी भी नौचंदी जुमेरात से आपको ये अमल शुरू करना होगा।वक़्त होगा रात १२ बजे का.ज़मीन पर सफ़ेद सूती कपडा बिछाये और उस पर बैठे।आपको सफ़ेद लुंगी पहनना है और ऊपर भी एक सफ़ेद कपडा ही डालना है.जो कि बिना सिला हो.जिसे अहराम कहा जाता है.अमल आपको ऐसे कमरे में करना है जहा कोई न आये ४० दिनों तक.अब मगरिब कि और मुह करके बैठ जाये।अपने सामने एक तिल के तैल का चिराग रोशन करे.औए वही पर किसी बर्तन में २१ बादाम और खजूर रखे.लोबान कि अगरबत्ती जलाये।अपने कपड़ो पर इत्र लगाये।अब इस आयत को ९ बार पड़कर किसी तेज़ धारदार चाकू पर दम करे और अपने आस पास एक हिसार खीच ले.
कुल हुवल्लाहु अहद, अल्लाहूस्मद, लम यलिद व लम युलद व लम युकुल्लुहु कुफ़ुवन अहद
इसके बाद तस्बीह से इस दुरुद कि एक तस्बीह फेरे
दुरुद: सलल्लाहो अलेका या मुहम्मदूम नुरूम मीन नुरिल्लाही
इसके बाद इस अमल कि ७ तस्बीह फेरे
अमल : या गौसे आज़म आओ आओ फरियाद करू मोहम्मद कि आन धरु आओ हाज़िर हो दीदार दो,हसन हुसैन के नाम पर,आओ आओ आओ अलमदद मेरे मौला
जब इस अमल कि ७ तस्बीह हो जाये तो ऊपर लिखी दुरुद कि एक तस्बीह फिर फेरे और दिल लगाकर दुआ करे.इसमें तस्बीह वही लेना जिसका इस्तमाल मुस्लिम लोग करते है.खजूर और बादाम रोज़ सुबह बच्चो में बाट दे गौसे आज़म के नाम पर.
यदि कोई आवाज़ आये तो डरे नहीं अपना अमल जारी रखे.साथ ही अमल के बिच कोई हाज़िर हो जाये और बात करे तो भी जवाब न दे.इससे अमल ख़राब हो जायेगा।आखिर दिन हज़रत ग़ौस पाक के दीदार आमिल को होते है.उनसे अदब के साथ सलाम करे और अपनी बात कहे.आप उनसे वादा ले लीजिये कि जब भी आप ये अमल पड़ेंगे वे आकर आपकी मदद करेंगे।आखिर दिन जब वो हाज़िर हो तो इतर और जो खजूर और बादाम रखे है उनके आगे पेश करे.अमल के दोरान जूठ बोलने से बचे,किसी भी गलत काम को करने से बचे.आपको कामयाबी जरुर मिलेगी।हज़रत से हमेशा अदब से पेश आये,क्युकी वे वली है,किसी के गुलाम नहीं है.
अन्य जानकारी के लिए मेल करे
pitambara366@gmail.com
जय माँ
कुल हुवल्लाहु अहद, अल्लाहूस्मद, लम यलिद व लम युलद व लम युकुल्लुहु कुफ़ुवन अहद
इसके बाद तस्बीह से इस दुरुद कि एक तस्बीह फेरे
दुरुद: सलल्लाहो अलेका या मुहम्मदूम नुरूम मीन नुरिल्लाही
इसके बाद इस अमल कि ७ तस्बीह फेरे
अमल : या गौसे आज़म आओ आओ फरियाद करू मोहम्मद कि आन धरु आओ हाज़िर हो दीदार दो,हसन हुसैन के नाम पर,आओ आओ आओ अलमदद मेरे मौला
जब इस अमल कि ७ तस्बीह हो जाये तो ऊपर लिखी दुरुद कि एक तस्बीह फिर फेरे और दिल लगाकर दुआ करे.इसमें तस्बीह वही लेना जिसका इस्तमाल मुस्लिम लोग करते है.खजूर और बादाम रोज़ सुबह बच्चो में बाट दे गौसे आज़म के नाम पर.
यदि कोई आवाज़ आये तो डरे नहीं अपना अमल जारी रखे.साथ ही अमल के बिच कोई हाज़िर हो जाये और बात करे तो भी जवाब न दे.इससे अमल ख़राब हो जायेगा।आखिर दिन हज़रत ग़ौस पाक के दीदार आमिल को होते है.उनसे अदब के साथ सलाम करे और अपनी बात कहे.आप उनसे वादा ले लीजिये कि जब भी आप ये अमल पड़ेंगे वे आकर आपकी मदद करेंगे।आखिर दिन जब वो हाज़िर हो तो इतर और जो खजूर और बादाम रखे है उनके आगे पेश करे.अमल के दोरान जूठ बोलने से बचे,किसी भी गलत काम को करने से बचे.आपको कामयाबी जरुर मिलेगी।हज़रत से हमेशा अदब से पेश आये,क्युकी वे वली है,किसी के गुलाम नहीं है.
अन्य जानकारी के लिए मेल करे
pitambara366@gmail.com
जय माँ
Jai Shri Krishna.....
ReplyDeleteBhai main ek baat janana chahata hu muslims main ek sadhna hoti hai "istikhara" means "Allah tala se mashvara lena" koi naya kaam karne se pehele
toh kya hindus main bhi koi aisi sadhna hoti hai Qki istikhara main toh 5 times ki namaz ki padandi hoti aur bhi bahut se cheeze hoti hai jo hindus nahi kar sakte aur na hi jaante hai istikhara jaisi hi koi aur sadhna hoti ho toh please post kare ( For hindus )
bhai aap kya HAZRAT KHAWAJA GARIB NAWAZ ( moenuddin chisti) ka amal de sakte jinse unk didar ho sake agar apk pas h to dene ki kripa kare......
ReplyDeleteMain ya amal karna chahta hu kya ye amal poora hoga...ki gaus pak jaise aala hasti itna sa karne par hi aa jaye
ReplyDeletebhai agar bnde ki niyat saaf ho or bndaa imandr ho to amal jarur poora hota hai
Deletebhai tum logo me se koi bhi is amal ko nahi kar sakta hai iske liye hisar bahut jaruri hai aur hisar bhi muslim ka hona chahye uske bagair kuch nahi kar sakte ye meri web site hai http://sakoonedil.blogspot.com
ReplyDeleteBhai makhdoom sarkar ka amal dedijye
ReplyDeleteJisse unka didar ho Jaye
DeleteMeri sarkar di shaan bdi uchhi hai. Unko sache dil se yaad kro sarkar karm karte hai .
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