Monday 20 January 2014

शिव शक्ति महाअघोरेश्वर कवच और कुछ आवश्यक नियम।

मित्रो कई साधको के मेल हमें " शिव शक्ति महाघोरेश्वर कवच "    के लिए प्राप्त हुए.अब जिन साधको के लिए ये कवच भेजे जा  रहे है.ये लेख उनके लिए है क्युकी यहाँ हम  आपको उस दिव्य कवच से जुड़े कुछ सामान्य नियम से अवगत करवा रहे है.जिसका पालन करने से आप कवच से जुडी शक्ति का पूर्ण लाभ उठा पाएंगे।प्रस्तुत है कवच से जुडी कुछ आवश्यक बाते।

१. कवच के साथ ही आपको अघोर मंत्रो से सिद्ध सिद्धिप्रद रुद्राक्ष भी भेजा जा रहा है.मित्रो एक बात यहाँ स्मरण रखे कि आपको कवच और सिद्धिप्रद रुद्राक्ष को सदा एक साथ ही रखना होगा।आप ऐसा बिल्कुल  भी न करे कि रुद्राक्ष अलग रख दिया और कवच अलग रख दिया।दोनों को सदा एक ही डिब्बी में साथ रखे.इससे दोनों कि शक्ति एक दूसरे से जुडी रहती है.केवल साधना के समय ही साधना में यदि इसका प्रयोग अलग लिखा हो तो अलग कर सकते है.किन्तु जब भी प्रयोग न कर रहे हो तो इसे साथ ही रखे.

२. अपने कवच और रुद्राक्ष को कभी भी किसी अन्य व्यक्तिको साधना के लिए ना दे,क्युकी इस कवच और रुद्राक्ष का प्रयोग केवल एक ही साधक कर सकता है.किसी और के प्रयोग करने से इसकी सिद्धि समाप्त होने का भय रहता है.

३.यदि आप कवच  को नित्य पूजा के समय थोड़ी देर धारण करते है तो ये कवच आपकी देहिक ऊर्जा में विकास करता है.अतः इसे नित्य पूजन के समय भी धारण किया जा सकता है.

४. यदि कोई अन्य व्यक्ति आपके कवच या रुद्राक्ष को स्पर्श कर ले,तो चिंता न करे.ये कवच और रुद्राक्ष स्पर्श दोष से मुक्त है.यदि कोई रजस्वला स्त्री इसका स्पर्श कर ले,तो किसी भी समय इन दोनों पर अपने हाथो से जल छीट दे.हाथ में जल ले और " ॐ अघोरे ॐ " इस मंत्र को २१ बार पड़कर कवच और रुद्राक्ष पर छीट दे.इस क्रिया के माध्यम से ये कवच और रुद्राक्ष ब्रह्माण्ड में विलीन हुई अपनी शक्ति को पुनः संचित कर लेता है.

५. कभी भी कवच को खोले नहीं ऐसा करके आप इस कवच कि सिद्धि समाप्त कर देंगे।हा यदि त्रुटिवश कवच खुल जाता है तो उसे पुनः बंद करके,ऊपर जो क्रिया बतायी गयी है उसे करके जल छीट दे और किसी भी शिवलिंग से स्पर्श करा ले.परन्तु ये क्रिया तभी कार्य करेगी जब कवच त्रुटिवश खुल जाये।अतः जानबूझकर ऐसा न करे.

६. किसी अन्य व्यक्ति कि समस्या निवारण के लिए इस कवच पर साधना कि जा सकती है परन्तु वो आपको ही करनी होगी क्युकी इसका प्रयोग केवल आप ही कर सकते है.हा दुसरो के लिए संकल्प लेकर इस पर साधना कि जा सकेगी।

७. यदि आप कभी श्मशान जाते है तो इस दिव्य कवच और रुद्राक्ष को पहन कर जा सकते है.इससे कवच और रुद्राक्ष कि शक्ति में कोई अंतर नहीं आने वाला है.बल्कि शमशान भूमि से ये कवच और रुद्राक्ष शक्ति को अपने भीतर खीचने कि क्रिया करते है.अतः इनकी शक्ति और बढ़ जाती है.

तो साधको ये इस कवच से जुड़े कुछ आवश्यक नियम है.जो कि अत्यंत सरल है और मुझे आशा है कि आपको इनका पालन करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।बस आप साधना मार्ग पर सदा प्रगति करते रहे इसी कामना के साथ.

जय माँ 

अधिक जानकारी के लिए मेल करे 

sadhika303@gmail.com

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