Tuesday 28 January 2014

शिव शक्ति महाअघोर कवच और लघु प्रयोग



मित्रो जिन साधको ने " शिव शक्ति महाअघोर कवच " मंगवाए थे,कवच निर्मित होते ही उन्हें कवच भेजने कि क्रिया आरम्भ कर दी जायेगी।आपको कवच प्राप्ति के बाद साधना के लिए अधिक प्रतीक्षा न करना पड़े इसलिए यहाँ महाअघोर कवच पर किये जाने वाले कुछ लघु प्रयोग दिए जा रहे है,ताकि आप कवच प्राप्त होते ही उस पर प्रयोग कर सके.अतः आपकी सेवा में कुछ लघु प्रयोग प्रस्तुत है.

निरंतर धन लाभ हेतु 

आप ये प्रयोग अपनी नित्य पूजा में सम्मिलित कर सकते है.अपने सामने " शिव शक्ति महाअघोर कवच " को स्थापित करे और आपको कवच के साथ जो " सिद्धिप्रद रुद्राक्ष " दिया जा रहा है.उस रुद्राक्ष को कवच के ऊपर रखे या कवच के पास उससे सटाकर रख दे रुद्राक्ष इस प्रकार रखे कि वो कवच से स्पर्श होता रहे.अब सिद्धिप्रद रुद्राक्ष पर त्राटक करते हुए,

हूंहूं धनलक्ष्मी आकर्षय आकर्षय हूंहूं 

मंत्र का जाप करे त्राटक आपको नित्य ५ मिनट  तक करना है,या आप रुद्राक्ष माला से जाप करते हुए एक माला करे और त्राटक करते रहे.इस प्रयोग से आपके जीवन में कभी भी धन कि रूकावट नहीं आएगी।

 तंत्र बाधा निवारण 

किसी भी समय ये प्रयोग किया जा सकता है.अपने बाये हाथ में कवच और रुद्राक्ष को रखकर मुट्ठी बांध ले.मुट्ठी जितनी हो सके कसकर बांधे।और अपने सामने एक पात्र में थोडा जल रखे.अब रुद्राक्ष माला से 

रं रं हूं हूं फट 

५ माला जाप करे.इसके बाद जल में फुक मार दे और कवच तथा रुद्राक्ष को पात्र से स्पर्श कराते  हुए ११ बार पुनः उपरोक्त मंत्र का जाप करे.फिर ये जल जिसे पिलाया जायेगा उस पर किया गया तंत्र प्रयोग तुरंत नष्ट हो जायेगा।आप इस जल को घर में भी छिट सकते है इससे घर नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षित हो जायेगा।

बुरे सपनो के नाश हेतु 

बाये हाथ में कवच और एक सुपारी रखे और दाये हाथ से ह्रदय मुद्रा का प्रदर्शन करते हुए. " ॐ हूं वज्रेश्वर हूं " मंत्र का २१ बार जाप करे.इसके बाद इस सुपारी को जिसे बुरे स्वप्न  आते हो उसके तकिये के निचे रात  को सोते समय रख दे.और अगले दिन इस सुपारी को घर के बाहर फिकवा दे.समस्या का निवारण हो जायेगा।

उदर रोग नाश हेतु 

किसी लाल वस्त्र पर एक पात्र स्थापित करे और उसे भस्म से भर दे.इस भस्म पर कवच स्थापित कर दे.और बाये हाथ में सिद्धिप्रद रुद्राक्ष रखे,अब  " ॐ ह्रीं शूलधारिणी ह्रीं फट " मंत्र का रुद्राक्ष माला से २१ माला जाप करे प्रत्येक माला के बाद रुद्राक्ष को कवच से स्पर्श कराये।जब जाप पूर्ण हो जाये रुद्राक्ष और कवच संभाल  कर रख दे.और भस्म जिसे उदर रोग हो उसे नित्य एक चुटकी  सेवन कराये तथा कुछ भस्म पेट पर भी लगाये धीरे धीरे उदर रोग समाप्त होने लगेगा।

विपदा नाश हेतु 

कभी कभी जीवन में एक के बाद एक विपदा आती रहती है.ऐसी समस्या के निवारण हेतु रविवार रात्रि १० के बाद कवच को लाल वस्त्र पर स्थापित करे.कवच का सामान्य  पूजन करे.और ११ माला रुद्राक्ष माला से " ॐ हूं ह्लीं हूं फट " मंत्र कि ११ माला संपन्न करे.जाप के बाद अग्नि प्रज्वलित कर,सरसो के तेल और काली मिर्च से २५१ आहुति प्रदान करे.

इन प्रयोगो में सभी जाप वाचिक या उपांशु होंगे।मित्रो भविष्य में भी कई प्रयोग समय समय पर दिए जायेंगे।साधनाओ से सम्बंधित किसी भी प्रश्न के उत्तर हेतु आप सादर आमंत्रित है.किसी भी अन्य जानकारी के लिए मेल करे  sadhika303@gmail.com  पर.

जय अम्बे 


3 comments:

  1. सर नमस्ते
    सरकारी नौकरी प्राप्त करने का कोई प्रयोग है तो जरूर बताऐ
    जय माता दी

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  2. jai sadgurudev ji ki bhai ji.aapne kaha tha ki aap JINNAT JIN PE bhi sadhna denge. bhai ji is bare me marg darshan karne ki kripa kare plse .jin sadhna ke bare me jaldi hi koi lekh dijiye .

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  3. Sir kawach ko ghar mai kahan rakhna chahiye aur hmeh inki pooja kaise krni hai kuchh jyotish btate hai ki ye cheeje tb rakhni chahiye jb aap kawach ki puri pooja vidhi ka pta ho is ke kya kya fayde hai please saari jankaari de ji

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