Wednesday 15 January 2014

शिव शक्ति महा अघोरेश्वर कवच


है शिव जब तुम समस्त जगत से विरक्त हो श्मशान में निवास करते हो तो तुम अघोरी हो जाते हो,जिसे ना मान कि कोई चाह है, ना अपमान का कोई भय है.जिसे कुछ नहीं चाहिए,जो सबको दे सकता है और मात्र दे सकता है,जो समस्त भय से मुक्त है,जो सब कुछ कर देने में समर्थ है,जो समस्त सृष्टि पर शासन करते है,वही है अघोरेश्वर शिव.

वास्तव में शासन  वही कर सकता है,जो पूर्ण है,जो समर्थ है,जो दाता है,जो शक्ति संपन्न है वही है अघोरेश्वर,और इन्ही सृष्टि पर शासन करने  वाले अघोर शिव पर शासन करती है महा अघोरा भद्रकाली ,जो अघोर से भी ऊपर है.जिसे तंत्र ने अघोरेश्वर कि भी जननी माना है.अघोर शिव और महा अघोरा काली ही है,जो समस्त श्मशान पर राज करते है.भूत,प्रेत,यक्ष,गन्धर्व,किन्नर,यक्षिणी,आदि जिनकी निरंतर सेवा करते रहते है,और जो सब कुछ कर देने में समर्थ है,वही है अघोरश्वर और अघोरेश्वरी।

मित्रो संसार कि ऐसी कोई वस्तु नहीं है जो अघोरेश्वर शिव और अघोरेश्वरी काली देने में समर्थ ना हो.क्युकी संसार कि समस्त सत्ता इनके ही हाथो में है.जब ये प्रसन्न होते है तो सृजन होता है,और जब रुष्ट हो तांडव करते है तो महा प्रलय का आरम्भ होता है.प्रसन्न  होने पर कुबेर को धनाध्यक्ष बना दिया और रुष्ट होने पर दक्ष के मस्तक को धड़ से अलग कर तांडव किया।जब अघोरा महाकाली प्रसन्न हुई तो भक्तो को अभय दान दिया और जब कुपित हुई तो धूमावती का प्राकट्य हुआ.अघोर और अघोरा जो भी करते  है,उसके पीछे अत्यंत गहरे रहस्य छुपे हुए होते है.कोई नहीं जान सकता कि वे ऐसा क्यों करते है,कोई नहीं जान सकता कि उनके हर निर्णय के पीछे क्या उद्देश्य हो सकता है.

साधको सदा से ही शिव का अघोरेश्वर स्वरुप और काली का अघोरा स्वरुप साधको के मध्य चर्चा का विषय रहा है.और समय समय पर साधक इनकी साधनाये करते ही आये है.किन्तु कुछ साधनाये जो साधक नहीं कर पाते है,उसका मुख्य कारण है कि अघोर साधनाये अधिकतर या तो श्मशान में होती है या एकांत स्थान पर होती है.और वर्त्तमान में ऐसे स्थान का मिल पाना असम्भव सा प्रतीत  होने लगता है कई साधको को.तथा कुछ साधनाये यदि घर में कि भी जा सकती हो तो उसके लायक सामग्री नहीं मिल पाती  है,क्युकी अघोर मार्ग में सामग्री भी अन्य सामग्री से पृथक होती है.इस कारण साधक चाहकर भी अघोर मार्ग कि साधनाये नहीं कर पाते है.

ऐसी कई साधनाये है जो साधक इन्ही दुविधा के चलते नहीं कर पाये है,जैसे अघोर लक्ष्मी साधना, अघोर कुबेर साधना, कनकावती स्वर्ण दात्री साधना,आकस्मिक धन प्राप्ति साधना,अघोर पारदेश्वर पूजन,अघोरा शत्रु मर्दिनी साधना,भैरूण्डा प्रयोग आदि ऐसी कई साधनाये है जो साधक नहीं कर पाये है,वास्तव में ये साधनाये अघोर मार्ग कि अत्यंत महत्वपूर्ण साधनाओ में से मानी  जाती है.उदाहरणार्थ  जब साधक कनकावती स्वर्ण दात्री साधना करता है तो जीवन में बिना किस अड़चन के धन का आगमन आरम्भ हो जाता है.इसी शक्ति कि सहायता से साधक शेयर मार्किट आदि में सफलता प्राप्त कर पाता है.तो दूसरी और विजय साधना से हर क्षेत्र में विजय प्राप्त करता है,चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो.अघोर कुबेर साधना से साधक साक्षात् कुबेर के सामान हो जाता है,यही कारण है कि अघोरेश्वर किसी के आगे हाथ नहीं फैलाते  क्युकी वो दाता है.
किन्तु जब साधक ऐसी उच्च कोटि कि साधनाये नहीं कर पाता  है तो उसे अत्यंत पीड़ा का अनुभव होता है.क्युकी एक साधक जीवन में पूर्णता चाहता है.हर क्षेत्र में चाहे वो साधना का क्षेत्र ही क्यों ना हो.किन्तु चिंता करने कि कोई आवश्यकता नहीं है,क्युकी मैंने बार बार कहा है कि,

साधना क्षेत्र में हर सवाल का जवाब है,हर समस्या का हल है,

तो क्या इस समस्या का हल भी है साधना मार्ग में कि वो उपरोक्त सभी साधनाओ को बिना शमशान जाये कर सके ? बिना किसी विघ्न के इन साधनाओ को पूर्ण कर सके ?

जी हाँ ,

इसका भी हल है मित्रो,परन्तु कभी भी इस विषय पर किसी साधक ने प्रकाश डालना आवश्यक ही नहीं समझा,या यु कहे कि उच्च कोटि के साधक सदा से समाज  से दूर ही रहे इस कारण ये विषय अनछुआ रहा,या गुरु और ज्ञानियों ने ये अद्भूत ज्ञान दिया भी तो केवल कुछ चयनित शिष्यों को,कदाचित इसका मुख्य कारण केवल इस विषय कि गोपनीयता को बनाकर रखना ही रहा होगा,क्युकी कलयुग में स्वार्थी तत्वो कि संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है.और वे जनकल्याण कि भावना से कोसो दूर होते जा रहे है.खैर इसमें कोई बड़ी बात नहीं है क्युकी जबसे संसार बना है तबसे ही मनुष्य अच्छे और बुरे दो भागो में बटा हुआ है.और इस समस्या का हल तो सृष्टि के अंत तक नहीं होगा।

कदाचित ये माया भी अघोरेश्वर और अघोरा कि ही होगी,

साधको एवं साधिकाओं, शीघ्र ही गुरु गम्य परिवार, " शिव शक्ति महा अघोरेश्वर कवच " का निर्माण करने जा रहा है.निसंदेह ये कार्य इतना सरल नहीं है,परन्तु कुछ सिमित संख्या में इनका निर्माण अघोर पदत्ति द्वारा  कुछ साधको के आग्रह पर किया जा रहा है.ताकि वे उच्च कोटि कि साधनाओ को भी घर पर संपन्न कर सके,और जटिल प्रक्रिया के स्थान पर सरलता से साधना कर सके.उपरोक्त सभी साधनाये साधक इस कवच पर ही कर पाएंगे।इसके लिए उन्हें किसी अन्य विशेष सामग्री कि आवश्यकता नहीं पड़ेगी।हा हर साधना के पहले कवच पर उस साधना से सम्बंधित क्रिया आपको अवश्य करनी होगी जिससे कि आप कवच कि ऊर्जा से तुरंत संपर्क में आ जायेंगे और साधना को पूर्णता के साथ कर पाएंगे।

साधको " शिव शक्ति महा अघोरेश्वर कवच " का वास्तविक नाम तो महा अघोरेश्वर कवच है,परन्तु में इसे शिव शक्ति महा अघोरेश्वर कवच बोलता हु,इसका मुख्य कारण केवल इतना है कि,इस कवच के निर्माण में केवल शिव ही नहीं शक्ति का भी स्थापन किया जाता है.क्युकी बिना शक्ति के शिव तो शव समान ही है.अतः कवच को अघोर मार्ग कि शिव शक्ति पदत्ति से निर्मित किया जाता है.ताकि इस कवच पर आप देवता ही नहीं बल्कि देवी शक्ति कि भी साधना कर पाये,तभी तो पूर्णता आएगी न साधक के जीवन में ,जब वो शिव और शक्ति दोनों को अपने ह्रदय में समाहित कर लेगा तब वो पूर्णता का अनुभव करेगा।अब प्रश्न उठता है कि इस कवच पर कौन कौन सी साधनाये कि जा सकती है ?

तो मित्रो इस कवच पर जो साधनाये कि जा सकेंगी उसकी एक लघु सूचि यहाँ देने  का प्रयत्न कर रहा हु.

१ षट्कर्म साधना 

२ तारिणी अस्त्र प्रयोग ( दरिद्रता नाश हेतु )

३ महालक्ष्मी धन पात्र साधना ( लक्ष्मी को स्थिर करने का अघोर विधान )

४ नवग्रह चक्र साधना ( गृह शांति का अघोर विधान )

५ तत्त्व चेतना साधना (पञ्च तत्वो को नियंत्रण में लाने कि साधना )

६ अघोर मातंगी पूजन (गृहस्थ सुख प्राप्ति हेतु )

७ रूद्र तारा साधना ( अचूक स्मरण शक्ति हेतु )

८ त्वरिता सिद्धि साधना ( कार्यो में आने वाली अड़चनो से मुक्ति हेतु )

९ कृतिका साधना ( मनोकामना पूर्ति का अघोर विधान )

१० चंडिका प्रयोग ( प्रचंड ऊर्जा प्राप्ति हेतु )

११ भवानी  चेटक साधना ( हर विपदा को भस्म कर देने कि साधना )

१२  महालक्ष्मी स्थापिनी  साधना ( इडा पिंगला सुषुम्ना में महालक्ष्मी को स्थापित करने का प्रयोग )

१३ विद्युत मालिनी साधना ( तीव्र इच्छा शक्ति हेतु )

१४ षोडशी विद्या प्रयोग ( अटूट धन सम्पदा हेतु )

१५ अघोर रौद्रवल्गा साधना ( राजनीती तथा प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हेतु बगलामुखी साधना विधान )

मित्रो ये केवल कुछ साधनाये ही यहाँ प्रस्तुत कि गयी है जो आप " शिव शक्ति महा अघोर कवच " पर संपन्न कर पाएंगे। और ऊपर वर्णित कि गयी,अघोर लक्ष्मी साधना,अघोर कुबेर साधना,आकस्मिक धन प्राप्ति साधना,अघोर पारदेश्वर पूजन,कनकावती स्वर्ण दात्री प्रयोग,
तो है ही जो कवच के माध्यम से किये जा सकेंगे।इसके अतिरक्त १०० से भी अधिक साधनाये है जो इस कवच पर कि जा सकेगी।तो साधको शीघ्र ही इस दिव्य कवच का निर्माण गुरु गम्य परिवार करने जा रहा है.किन्तु ये सिमित संख्या में ही होगा अधिक संख्या में इसका निर्माण सम्भव नहीं हो पायेगा,और न ही इस पर कोई हज़ारो रूपये का शुल्क रखा गया है.केवल उतना ही शुल्क इस पर  रखा गया है जितने में ये निर्मित होगा और आपके घर तक पहुच जायेगा।एक बात और यदि आपको ये कवच प्राप्त होता है तो इसे प्राणो से अधिक संभाल  कर रखे क्युकी,हम भविष्य में इसका निर्माण कर पाएंगे या नहीं ये तो हम भी नहीं जानते है.और अभी भी इस कवच कि निर्माण संख्या मात्र २१ ही होगी अगर अधिक हो भी पाया तो संख्या ३० कवच तक जा सकती है इससे अधिक नहीं।साथ ही सभी को कवच प्राप्त करवा पाना हमारे लिए सम्भव नहीं होगा,इस विषय में कोई शिकायत स्वीकार नहीं कि जायेगी।अब जो इन्हे प्राप्त करना चाहते है.वे  sadhika303@gmail.com पर मेल कर दे मेल के विषय में " शिव शक्ति महा अघोर कवच " लिखना न भूले।मेल  से ही आपको सम्पूर्ण जानकारी भेज दी जायेगी।और कवच से सम्बंधित साधनाये ब्लॉग तथा मासिक पत्रिका के माध्यम से ही दी जायेगी।अब निर्णय आपका है.आप सदा प्रसन्न रहे,स्वस्थ्य रहे इसी कामना के साथ.

शरणम् अम्बिके 

5 comments:

  1. स्वामी जी यह कवच मुझे चाहिये, कर्पया यह मुझे देने का कष्ट करे, ईसकी जो साम्रगी या दक्षिणा होगी मे देने का तेयार हू, मेरा मोवाईल न 9812986701 हे ईस पर आप मेसेज कर देना मे Call BAck कर लूगा या मेरी Email id ukmangla@gmail.com पर आशिर्वाद स्वरुप जवाब देने की कष्ट करे

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  2. This is a beautiful and informative post. Keep it up dear. Black magic for love - Love Samrat

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  3. Namste aadesh jay maa kali ..
    Mujhe shiv shakti mahaaghor kavach chahiye aap mulya bataye .,

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  4. Mujhe bhairav ji dikhai dete h par kuchh kahte nhi h kuchh upay mere liye h to mere liye batao mob.no.6377403020

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  5. जय शंभू आप कृपा करे मुझे ये upay मेरे इस नंबर पर भेज दे. 9890868975

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