Saturday 8 June 2013

वास्तु प्रयोग ( संपत्ति की बिक्री हेतु )

वास्तु प्रयोग ( संपत्ति की बिक्री हेतु )


अक्सर हमारी कोई संपत्ति होती है।जिसे हम बेचना चाहते है।किन्तु वो लाख प्रयत्न करने पर भी बिकती नहीं है।किसी का घर नहीं बिक रहा है तो किसी की दुकान।इसके कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रस्तुत प्रयोग इसी विषय पर है।जिसके करने के बाद यदि आपकी कोई दुकान,कोई मकान,कोई ज़मीन आदि नहीं बिक रही है तो, उसके बिकने के योग बन जाते है।और शीघ्र की साधक को अनुकूलता प्राप्त होती है।

विधि: 
शनिवार की रात्रि में ग्वारपाठे ( एलोवेरा ) की जड़ उस जगह ले आये जो जगह आपको बेचनी है।अगर दुकान है तो वहा,घर है तो वहा या जिस ज़मीन को बेचना है वहा पर पूर्व या उत्तर की और मुख कर बैठ जाये,सामने एक पिला कपडा बिछा ले।उस पर वास्तु यन्त्र रख दे,ये संभव न हो तो वास्तु पुरुष के प्रतिक रूप में एक सुपारी स्थापित कर दे।अब सुपारी तथा जड़ पर हल्दी,कुमकुम,अक्षत अर्पण करे,घी का दीपक लगाये तथा धुप बत्ती भी लगाये।भोग में कोई भी मिठाई रख दे।अब वास्तु पुरुष से प्रार्थना करे की आपकी संपत्ति जो भी आप बेचना चाहते है,वो शीघ्र ही उचित मूल्य में बिक जाये।और निम्न दो मंत्रो का १०८ बार जाप करले बिना किसी माला के।अगले दिन सुबह जड़ को किसी सफ़ेद कागज़ में लपेट कर वहा रख आये जहा कचरा फेकते है।जाते वक़्त और आते वक़्त किसी से बात न करे।ये कार्य सुबह जितना जल्दी हो सके कर ले।और जाकर नहा ले।इसके बाद पिला कपडा और सुपारी का विसर्जन कर दे,पुनः वास्तु देवता से प्रार्थना कर ले।जो मिठाई अर्पण की गयी थी वो गरीबो में बाट दे।श्रेष्ठ तो यही रहता है की साधक सवा किलो मिठाई बाटें ।आगे आपकी जितनी श्रधा हो करे।
मंत्र : ॐ चैतन्य वास्तु पुरुषाय नमः (१०८ बार )
ॐ चैतन्य स्थल पुरुषाय नमः ( १०८ )
इसके अलावा एक प्रयोग और करे जो की अत्यंत सरल है,एल लाल रंग का लिफाफा ले लीजिये,अब दुकान या मकान है तो,वहा की एक कील निकाल ले और उसे लिफाफे में डालकर पानी में विसर्जित कर दे।और ज़मीन है तो वहा की मिटटी को लिफाफे में डालकर विसर्जित कर दे।विसर्जित करते वक़्त वास्तु पुरुष से प्रार्थना अवश्य करे।ये दो प्रयोग आपकी संपत्ति की बिक्री में आ रही सभी रूकावटो को दूर कर देंगे।
जय माँ

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