अचूक सरस्वती प्रयोग
वर्तमान समय में हमारा खान पान बड़ा
ही अस्त व्यस्त हो गया है।और उसका प्रभाव हमारी स्मरण शक्ति पर भी पड़ा है।खासकर
युवा वर्ग की ये समस्या बनी ही रहती है की वे कितना ही पड़ ले पर भूल जाते है।या
कुछ बच्चे कितना भी समझा लो पड़ने में मन नहीं लगाते है।इसका सीधा सा अर्थ है की
कही न कही ज्ञान तत्त्व की कमी है।और ज्ञान तत्त्व को बढाना हो तो माँ सरस्वती का
स्मरण आता ही है।प्रस्तुत प्रयोग उन लोगो के लिये विशेष फलदायी है,जो प्रतियोगी परीक्षा में सफलता
प्राप्ति के लिये जुटे हुए है।इससे उनकी स्मरण शक्ति में वृद्धि होगी।साथ ही यदि
कोई बच्चा पड़ता नहीं है,तो
उनके परिवार के कोई भी सदस्य उसके बालक के लिये ये प्रयोग कर सकते है,उसके नाम से संकल्प लेकर।
विधि: प्रयोग एक दिवसीय है अतः किसी
भी शुभ दिन किया जा सकता है।समय ब्रह्म मुह्रत का हो।आपका मुख उत्तर या पूर्व की
और हो,आसन वस्त्र सफ़ेद हो,अभाव में कोई भी लिये जा सकते
है।सामने बाजोट पर सफ़ेद वस्त्र बिछा दीजिये उस पर सरस्वती यन्त्र स्थापित कीजिये
तथा एक पञ्च मुखी रुद्राक्ष को स्नान करवाकर यन्त्र के ऊपर स्थापित कीजिये।अब गुरु
तथा गणेश पूजन संपन्न करे।इसके बाद संकल्प ले।और यन्त्र तथा रुद्राक्ष का सामान्य
पूजन करे।भोग में कोई भी सफ़ेद मिठाई अर्पण करे।घी का दीपक प्रज्वलित करे,जो की एक घंटे तक जलता रहना चाहिए।अब
हाथ में अक्षत ले और निम्न मंत्र पड़ते हुए २१ बार रुद्राक्ष पर अर्पण करे।
ॐ ऐं
महासरस्वती इहाग्च्छ इहतिष्ठ इह्स्थापय
अब निम्न मंत्र को २१ बार पड़े और हर
बार मंत्र पड़ते जाये और रुद्राक्ष पर कुमकुम अर्पण करते जाये,हर मंत्र को २१ बार पड़ना होगा।
ॐ ऐं ज्ञान
दात्री नमः
ॐ ऐं शारदा
देवी नमः
ॐ ऐं
ज्ञानस्वरूपा सरस्वती नमः
अब पूर्ण श्रधा के साथ रुद्राक्ष की
और देखते हुए मूल मंत्र का एक घंटे तक जाप करे।इसके बाद लाल धागे को रुद्राक्ष में
डालकर धारण कर ले,या
जिसके लिये प्रयोग किया गया है उसे धारण करवा दे।प्रसाद स्वयं खाए,या उसे खिलाये जिसके लिये प्रयोग
किया गया है।और नित्य इसी मंत्र को पानी पर २१ बार पड़कर पि लिया करे,या उस बालक को पिलाये जिसके लिये
प्रयोग किया गया है।ऐसा नित्य कुछ दिनों तक करे।प्रभाव आपको धीरे धीरे स्वयं दिखाई
देने लगेगा।
मंत्र : ॐ
ऐं ऐं महा सरस्वती ऐं ऐं फट
जय माँ
dhanyavaad..Koi siddh swapneshwari ya bhut/bavishya sadhana ko post kare..
ReplyDelete