Wednesday 9 April 2014

Navratri aur ek yojna

नवरात्री और एक योजना 



मित्रो हम ये बात भलीभाती जानते है कि आप में से कई साधको कि सदा से इच्छा रही है.पारद के शुद्ध एवं संस्कारित रसलिंग को पूजने कि.परन्तु रसलिंग कि धन राशि अधिक होने के कारण सबके लिए इसे लेना सम्भव नहीं हो पाया।परन्तु इसमें हमारा भी कोई दोष नहीं है.पारद को शुद्ध कर अष्ट संस्कार करना पड़ता है,इसके बाद पारदेश्वर का निर्माण होता है.अगर बात यहाँ तक भी होती तो पारद शिवलिंग कि राशि इतनी अधिक नहीं होती।किन्तु केवल संस्कार कर लिंग बना देना ही पर्याप्त नहीं है.प्रत्येक संस्कार में पृथक पृथक क्रिया कि जाती है.और किस मार्ग से हम इसके निर्माण कर रहे है उसी प्रकार हर संस्कार में क्रिया करनी होती है.पृथक पृथक मंत्रो का जाप और हर संस्कार पर एक लघु अनुष्ठान करना होता है.इतनी सब क्रिया के बाद निर्माण होता है एक रसलिंग का.अगर बात केवल निर्माण कि होती तो,हम केवल पारद को शुद्ध करके उसका बंधन कर देते और शिवलिंग का निर्माण कर देते।और ये आपको प्राप्त भी हो जाता ४०० या ५०० में ,परन्तु ऐसे निर्माण का क्या लाभ जो किसी कम का न हो.जब तक एक एक क्रिया व्यवस्थित रूप से न कि जाये।एक एक संस्कार में मंत्रो कि ऊर्जा न डाली जाये तब तक रसलिंग किसी कम का नहीं होता।और गलत विधि से निर्माण करके हम रस तंत्र कि नियमो से खिलवाड़ ही करेंगे साथ ही शिव के कोप के भाजन भी बनेंगे।बाज़ार में आज यही हो रहा है.

२० प्रतिशत पारद + ८० प्रतिशत रांगा = पारदेश्वर

परन्तु आप स्वयं ही सोचे क्या ये निर्माण उचित है.और यही कारण है कि बाज़ार में मिलने वाले शिवलिंग रस तंत्र के सिद्धांतो पर खरे नहीं उतरते है.थोक में पारा और रांगा मिलाकर साँचो में डाल दिया जाता है और बना दिए जाते है पारदेश्वर। और यही पारदेश्वर बड़े ही अपमानजनक अवस्था में पटक दिए जाते है थोक कि दुकानो पर.आज भी कोई हमारे यहाँ आकर देख सकता है कि रसलिंग तथा अन्य पारद विग्रह को हम कितने सम्मान के साथ रखते है.और जब यहाँ से किसी अन्य व्यक्ति को ये भेजे जाते है तब भी बड़ी ही सावधानी से रखकर भेजे जाते है.क्युकी इनमे स्थापन निर्माण के समय ही कर दिया जाता है.अतः वो हमारे लिए मात्र एक शिवलिंग नहीं अपितु साक्षात् शिव ही है.और यही कारण है कि हमारे द्वारा निर्मित पारद शिवलिंग महंगा होता है.क्युकी वो शुद्ध होता है एवं संस्कारित होता है.

लाख प्रयत्न के बाद भी हम शिवलिंग कि धन राशि में कमी नहीं कर पा रहे थे.क्युकी उसके निर्माण में धन का व्यय ही बहुत अधिक हो जाता था.इसी कारण ५० ग्राम का शिवलिंग ६००० और १०० ग्राम का १२००० में हमारे द्वारा भेजा जा रहा था.और इसका मुख्य कारण यही था कि इससे सम्बंधित सारा परिश्रम हमें और हमारी टीम को ही करना होता था.

परन्तु नवरात्री के निकट आते ही भगवती जगदम्बा कि कृपा हम पर बरसी और संस्था को कुछ ऐसे साधक प्राप्त हुए ,जिन्होंने पारद शिवलिंग के निर्माण में सहयोग प्रदान किया।और उनके सहयोग से हमने ५० ग्राम के और १०० ग्राम के शिवलिंग का निर्माण किया। हा किन्तु उन्होंने भी अपने सामर्थ्य अनुसार ही सहयोग प्रदान किया और ५० ग्राम तथा १०० ग्राम के ११ -११ शिवलिंग का निर्माण माँ आदि शक्ति कि कृपा से पूर्ण हुआ.जो ५० ग्राम का शिवलिंग ६००० में आपको प्राप्त हो रहा था वो अब ४००० में प्राप्त होगा।और १०० ग्राम का जो शिवलिंग आपको १२००० में प्राप्त हो रहा था वो अब ७००० में प्राप्त होगा।

अर्थात जब आप ५० ग्राम शिवलिंग लेंगे तो आपको ४००० जमा करने होंगे बाकि २००० कि व्यवस्था इन साधको के द्वारा कि गयी है. और १०० ग्राम के लिए आपको ७००० जमा करने होंगे बाकि ५००० कि व्यवस्था भी इन्ही साधको के द्वारा कि जायेगी। परन्तु इन साधको कि भी अपनी सीमा है अतः इस योजना के अंतर्गत ५० ग्राम के ११ शिवलिंग है तथा १०० ग्राम के भी ११ शिवलिंग है.इन संख्या के समाप्त होते ही पुनः वही राशि शिवलिंग पर लागु हो जायेगी।

अब हम अपनी अगली योजना कि और आते है.जिस प्रकार हमने शिवलिंग में सहयोग करने वाले खोजे उसी प्रकार हमने शिव शक्ति महाघोर कवच में भी सहयोग करने वाले खोज ही लिए.या यु कहे कि माँ कि कृपा से मिल गए.अतः इन शिवलिंग के साथ कवच का निर्माण भी आरम्भ हुआ.और उन्हें जोड़ दिया गया इन शिवलिंग के साथ.जब भी आप इस नवरात्री योजना के अंतर्गत शिवलिंग मंगवाएंगे उसके साथ आपको उपहार स्वरुप शिव शक्ति महा अघोर कवच तथा सिद्धिप्रद रुद्राक्ष भेजा जायेगा।जिस पर आप अन्य साधनाये भी कर पाएंगे।

इस पोस्ट में सभी बाते स्पष्ट कर दी गयी है.वज़न तथा धन राशि भी.अतः मेल में कोई प्रश्न पूछने कि आवश्यकता ही नहीं है.जिसे भी ये शिवलिंग प्राप्त करना हो वे ही मेल करे.तथा मेल के विषय में नवरात्री योजना अवश्य लिखे। ताकि इस योजना के अंतर्गत आपको विग्रह भेजा जा सके.मेल करने पर आपको ये किस प्रकार प्राप्त होगा वो भी बता दिया जायेगा। और इन शिवलिंगो कि समाप्ति के बाद कोई इस योजना के अंतर्गत मेल आदि न करे. आप

SADHIKA303@GMAIL.COM

पर मेल कर सकते है.

जय अम्बे 

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