Monday 20 October 2014

त्रिदेवी प्रयोग 


सभी भाई बहनो को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐ 

मित्रो दीपावली की रात्रि विशेष रात्रि होती है.प्रत्येक साधक चाहता है की इस रात्रि का वो पूर्ण लाभ उठाए,और अधिक से अधिक साधना करे.और साधना तो करना भी चाहिए,क्युकी साधक की असल पूंजी तो उसकी मंत्र ऊर्जा ही है.आज आपको त्रिदेवी प्रयोग दिया जा रहा है.इस प्रयोग के माध्यम  से साधक तीनो देवी, महाकाली ,महा सरस्वती तथा महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर लेता है.अर्थात उसे सुरक्षा ,ज्ञान और धन तीनो की दृष्टि से लाभ की प्राप्ति होती है. बहुत कम लोग ही जानते है की,दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी के अतिरिक्त सरस्वती और काली पूजन भी विशेष लाभदायी होता है.सरस्वती साधक के मंत्रो को चेतना प्रदान करती है,तो महाकाली साधक को सर्वत्र सुरक्षा प्रदान करती है,वही महालक्ष्मी आर्थिक संकटो का निवारण कर देती है.अतः इस रात्रि में तीनो माताओं का आशीर्वाद प्राप्त करना सौभाग्य की बात है.

साधक दीपावली की रात्रि में स्नान कर लाल वस्त्र धारण करे,साधना का समय रात्रि ११ बजे के बाद रखे.लाल आसन पर उत्तर की और मुख कर बैठ जाये।भूमि पर हल्दी से चोका लिप दे.और उस पर एक लाल वस्त्र बिछा दे.अब इस पर तीन अक्षत की ढेरी बनाये,और तीनो पर एक एक मिटटी का नया दीपक रखकर प्रज्वलित करे.इस दीपक में  सरसो के तेल के अतिरिक्त किसी भी तेल का प्रयोग किया जा सकता है.तीनो दीपको की लौ साधक की और होनी चाहिए।अब तीनो दीपक के अंदर थोड़े अक्षत,थोड़ी सफ़ेद तिल और थोड़े काले तिल भी डाल दे.अब तीनो दीपको का त्रिदेवी मानकर पूजन करे.पूजन सामान्य ही करना है.पञ्च मेवे का भोग अर्पित करना है.तीनो दीपको के आगे अलग अलग प्रसाद अर्पित करे.इस साधना में आपको अन्य दीपक लगाने की आवश्यकता नहीं है.बस सामान्य पूजन कर भोग अर्पित करे.और त्रिदेवी की कृपा प्राप्ति हेतु आप यह साधना कर रहे है ,ऐसा संकल्प लीजिये।इसके पश्चात निम्न मंत्र की ५१ माला जाप करे.

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्रीं ॐ 

Om Aim Hreem Shreem Kreem Om 

जब जाप पूर्ण हो जाये तब साधक अग्नि प्रज्वलित कर,उपरोक्त मंत्र से घृत ,श्वेत तिल ,काले तिल तथा पञ्च मेवे से १०८ आहुति प्रदान करे.तथा माता से आशीर्वाद प्राप्त करे.इस प्रकार यह साधना पूर्ण हो जाएगी।और साधक को तीनो माताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो जायेगा।जो साधक इस मंत्र का २४ लाख जाप कर दशांश हवन करता है.त्रिदेवी आजीवन उसकी रक्षा करती है.तथा उस पर माँ का वरद हस्त बना रहता है.अगले दिन दीपक किसी मंदिर में दे दीजियेगा,साथ ही बिछा हुआ वस्त्र,तथा अक्षत भी मंदिर में दान कर दे.प्रसाद पुरे परिवार को दे सकते है.हवन की भस्म को सुरक्षित रख ले.जब घर में कोई बीमार हो तो यह भस्म मंत्र पड़ते हुए मस्तक पर लगा दे माता की कृपा से रोगी ठीक हो जायेगा।नित्य मंत्र पड़कर यदि भस्म घर में छिड़क दी जाये तो त्रिदेवी की कृपा घर में बनी  रहती है.नित्य मस्तक पर भस्म धारण करने से लक्ष्मी दोष का नाश हो जाता है.साथ ही सर्वत्र रक्षा होती है.

आप सभी की दीपावली मंगलमय हो इसी कामना के साथ जगदम्ब प्रणाम। 

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2 comments:

  1. Pranaam shatayu ji.
    Mene deepawali per yeeh sadhna sampann Ki...bahut sukhad evam urjavan anubhav Hua.
    Krupua in mantr ke 24 lakh jap ka vidhi-vidhan bataye...

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