त्वरिता सिद्धि साधना
( कार्यो में आ रही अड़चनों को दूर करने का तीव्र विधान )
कई बार लोगो की शिकायत होती है,की फलाना काम पूरा हो चूका था बस पूरा होते होते रह गया.या हमारे काम पूर्णता तक पहुँचते ही रुक जाते है.ये जीवन में बड़ रही नकारात्मक ऊर्जा के कारण होता है.जो की हमारे द्वारा किये जा रहे परिश्रम का फल पूर्ण रूप से हम तक पहुचने नहीं देती है.और इसी कारण कई लोगो के कार्य होते होते अटक जाते है.और ये जीवन की गंभीर समस्याओं में से एक है की परिश्रम का फल मिलते मिलते रह जाये।
देवी त्वरिता की साधना से रुके या अटके हुए कार्यो को तुरंत गति मिलती है.तथा उपरोक्त समस्या का निवारण हो जाता है.कुछ दिन पहले हमने साधको के लिए शिव शक्ति महाअघोर कवच निर्मित किये थे,और कई साधको ने इन्हे मंगवाया भी था.त्वरित साधना उसी कवच पर की जाएगी।पूर्व में भी हम इस कवच पर की जाने वाली साधनाए दे चुके है और भविष्य में भी कवच पर की जाने वाली साधनाए आती रहेंगी।उन्ही साधनाओं में से आज प्रस्तुत है आपके लिए त्वरिता सिद्धि साधना।
यह साधना आप किसी भी अमावस्या से आरम्भ करे.साधक रात्रि ९ के पश्चात स्नान कर लाल वस्त्र धारण करे तथा,उत्तर की और मुख कर लाल आसन पर बैठ जाये। सामने बाजोट रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछा दे.उस पर किसी ताम्र पात्र को स्थापित करे,तथा उस पात्र में अघोर कवच को स्थापित करे.कवच के साथ जो रुद्राक्ष है उसे स्थापित ना करे.केवल कवच ही स्थापित करे.अब सर्व प्रथम कवच पर ५ लाल पुष्प अर्पित करे,किसी अन्य वस्तु कुमकुम, हल्दी आदि अर्पित करने की आवश्यकता नहीं है.पुष्प अर्पित करने के पश्चात,तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करे.तथा कवच के समक्ष गुड़ का नैवेद्य अर्पित करे.अब माँ त्वरिता का स्मरण कर संकल्प ले की अपने जीवन को गति देने हेतु तथा हर रुके कार्य को पूर्ण करने हेतु,में यह साधना कर रहा हु.माँ त्वरिता मुझ पर कृपा करे तथा मेरे जीवन को त्वरित रूप से सही दिशा प्रदान करे.इसके पश्चात साधक रुद्राक्ष माला से.निम्न मंत्र की ११ माला जाप करे.
ॐ ह्रीं क्लीं ह्रीं श्रीं त्वरिता देव्यै हूं हूं हूं श्रीं ह्रीं क्लीं ॐ छू
इस साधना में अपने पास कुछ अक्षत रखे,प्रत्येक माला के पश्चात सर पर से थोड़े अक्षत घुमाकर एक कटोरी में डाल दे,यह कटोरी भी बाजोट पर ही रखनी है.इस प्रकार प्रत्येक माला के पश्चात अक्षत घुमाकर अर्पित करने है.जब ११ माला संपन्न हो जाये तो माँ से पुनः प्रार्थना करे.साधना आपको ८ दिवस तक करनी है.साथ ही नित्य जो अक्षत है एकत्रित करते जाना है.और साधना समाप्ति के पश्चात किसी को दान कर देना है.भोग में जो गुड़ अर्पित किया गया है.वो नित्य गाय को खिला देना है.इस प्रकार साधक यह साधना करे.बाद में कवच को पुनः सुरक्षित रख ले यह अन्य साधनाओं में काम आएगा।इस साधना के प्रभाव से आपके कार्य को एक गति मिल जाएगी तथा जो काम बार बार अटक जाते है वे पूर्ण होंगे साथ ही.साधक को माँ की कृपा प्राप्त होगी।
जय अम्बे
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Thanks for such work. Vashikaran for love
ReplyDeleteVery useful Information, Thanks for sharing..Muslim molvi baba
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